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त्रिम्बकेश्वर यह त्रिंबक शहर में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, यह भारत मे महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर से 2८ किमी दुर है| यह मंदीर भगवान शिव को समर्पित है और शिवजी के बारह ज्योर्तीलींग मे से एक है|
यह स्थल गोदावरी नदी के उगम स्थान से भी जाना जाता है जो प्रायद्वीपीय भारत में सबसे लंबी नदी है।
गोदावरी नदी को हिंदू धर्म मे पवित्र माना जाता है। जो ब्रम्हगीरी पहाड़ों से निकलके राजमहेंद्रु के पास समुद्र मिलती है। तिर्थराज कुशावर्त को नदी गोदावरी का प्रतीकात्मक मूल माना जाता है और एक पवित्र स्नान जगह के रूप में हिंदुओं द्वारा प्रतिष्ठित है।
इस जगह पर गंगा नदी का उगमस्थान है| यहा पे गंगा और शंकर भगवान का मंदिर है| थोडीही दूरी पे शिवजटा मंदिर भी है|
ब्रम्हगिरी पर्वत पे जाने के लिए ५०० सीडिया है| यहा से गोदावरी नदी ३ दिशाओ मे बहती है| पूर्व दिशा मे बहने वाली नदी को गोदावरी कहते है, दक्षिण मुखी नदी को वैतरणा कहते है और पश्चिम मुखी नदी को पश्चिम गंगा कहते है| यह पर्वत १८०० फिट उँचा है और इसकी समुद्र टल से उँचाई ४२४८ फिट है|यहा पे सद्यो,जदा,वामदेव,अघोरा,ईशाना और ततपुरुषा एसे पाँच सुले है|इन्हे शिवके पाँच मुख भी कहते है|
ब्रम्हगिरी पर्वत के रास्ते मे गंगाद्वार है जिसे अब गोदावरी नदी कहते है| यही पे गोदावरी नदी का उगम हुआ था| यहा पास मे ही गोरक्षणाथ गुंफा, १०८ शिवलिंग और राम-लक्ष्मण तीर्थ है| गंगाद्वार जाने के लिए ७०० सीडिया है| यहा पे गंगा की मूर्ति है, जिसके पैर के पास गाय के सिर के आकार का पत्थर है जिसके मुख से पानी टपकता है|
Pandit Deepak Guruji at Trimbakeshwar. for more details call us:
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